नमस्कार दोस्तों,
कैसे हैं आप सभी, मैं हूं आपकी ब्लॉगर मनीषा, और आपका बहुत-बहुत स्वागत है मेरी ब्लॉग वेबसाइट Healthy mann ki baat.... में।
परंतु इसके बावजूद देश की बहुत सारी जगह पर कहीं जनता ने पुलिस के साथ दुर्व्यवहार किया उन्हें मारा-पीटा गालियां दी और कहीं पर डॉक्टरों के साथ भी दुर्व्यवहार किया गया जो कि बहुत ही शर्मनाक बात है।
ना जाने हम यह कैसे भूल गए कि एक तरफ जहां पर डॉक्टर अपनी जान को खतरे में डालकर हर मरीज को इतने करीब से देख रहे हैं उनकी जांच कर रहे हैं और दूसरी तरफ पुलिस प्रशासन जो अपने घर परिवार सभी को छोड़ कर जनता को सुरक्षित रखने के लिए सड़कों पर पहरेदार बन कर खड़े हैं।
परंतु ऐसा नहीं है जहां पर हमें बुरे उदाहरण मिले वहीं पर हमें बहुत अच्छे उदाहरण भी मिले। इस लोक डाउन के तहत कई जगह मेडिकल स्टाफ और पुलिस प्रशासन की जमकर प्रशंसा हुई उन पर फूलों की बारिश हुई उनका धन्यवाद उनका आभार प्रकट किया गया।
लोगों के अंदर अभी भी मानवता जिंदा है इसका भी उदाहरण हमें मिला।देश में बहुत सारे स्थानों पर भूखे लोगों के लिए लंगर चलाए गए बहुत से लोगों ने बढ़-चढ़कर दान भी किया। जिसे देखकर बहुत गर्व महसूस हुआ कि हमारा देश संकट आने पर सारे भेदभाव भूलकर एक हो जाता है।।
इसलिए सही कहा है हिंदू है हम, हिंदू है हम, वतन है हिंदुस्तान हमारा, हमारा, सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा।।
दोस्तों जैसे कि सब जानते ही हैं किअब सरकार ने धीरे-धीरे लोक डाउन को खोलना शुरू कर दिया है। बहुत सारे सरकारी दफ्तर खुल चुके हैं, प्राइवेट कंपनियां भी खुल चुकी हैं ,medical क्लीनिक ओपन हुए हैं, ऑनलाइन सुविधाएं भी मिलनी शुरू हो गई है ,दुकानदारों ने भी दुकानें खोलनी आरंभ कर दी है।
दूसरे रूपमें कहा जाए तो जब तक देश लॉक्डाउन लागू था उस समय तक हमारी safty की जिम्मेवारी हमारे साथ साथ सरकार ने भी अपने ऊपर ले रखी थी परन्तु अब हम कह सकते हैं कि अब हमें खुद की जिम्मेवारी पूरी तरह से खुद उठानी होगी । कहने का मतलब यह है कि अब हमें अपना काम भी करना है और साथ ही अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य की रक्षा भी करनी है।
लोक डाउन से जैसे-तैसे निकल भी गए तो उसके बाद का सफर कैसा होगा उसका अनुमान अभी लगाना जरा मुश्किल है मगर यह तय है कि लोग डाउन से पहले का जीवन और लोक डाउन के बाद के जीवन से बिल्कुल अलग होगा खासकर तब तक जब तक कोई वैक्सीन नहीं बनती सीधे शब्दों में कहा जाए तो शायद लोग डाउन के बाद करोना संक्रमित व्यक्तियों की संख्या ज्यादा तेजी से बढ़ेंगे अगर वैक्सीन नहीं निकली तो।
इसलिए अब हमारी जिम्मेदारी बहुत ज्यादा बढ़ गई है अपने लिए अपनों के लिए और दूसरों के लिए भी। अब बहुत ज्यादा सचेत रहने की आवश्यकता है कि हम इस मुश्किल घड़ी में इस जानलेवा बीमारी के चलते अपने और अपनों की कैसे हिफाज़त कर पाते हैं।
एक बात हमेशा याद रखना हारने से पहले हारना नहीं है,हिम्मत कभी छोड़नी नहींहै।सच्चे मन से हम कोशिश कर रहे हैं सही कोशिश कर रहे हैं तो ऊपर वाला भी हमारा साथ छोड़ नहीं सकता और एक दिन ऐसा आएगा जिस दिन यह जो मृत्यु रुपी काले बादल हम सभी पर मंडरा रहे हैं, वो छंट जाएंगे, और सभी जगह शांति और अमन होगा। और सुनहरे दिन फिर से लौट आएंगे वह हंसी वह मुस्कान फिर से लौट आएगी।
जब तक सब कुछ नॉर्मल नहीं हो जाता तब तक हमें अब से
बहुत महत्वपूर्ण सावधानियां या महत्वपूर्ण आदतें अपनी जिंदगी में अपनानी होगी जो इस प्रकार है:------
1. सोशल डिस्टेंस के नियम का सख्ती से पालन करना होगा।
2 मास्क और ग्लव्स को अपने प्रतिदिन के कपड़ों का हिस्सा बनाना होगा। अब से हमेशा याद रखिए बिना mask और gloves
के घर से बाहर जाना खतरनाक साबित हो सकता है।
3. बिना सैनिटाइजर की कहीं पर भी बाहर ना जाए फिर चाहे वह ऑफिस हो या स्कूल कॉलेज या फिर हमारे रोजमर्रा का सामान लेने के लिए हमें मार्केट जाना है।
4. हाथों को साफ किए बिना गंदे हाथों से अपने आंख ,मुंह , नाक को
touch मत कीजिए।
5. अपनी पर्सनल स्वच्छता का स्पेशल ध्यान रखें फिर चाहे घर पर हो या बाहर।
6. हाथों को समय-समय पर साबुन और पानी से धोते रहिए।
7. भीड़ को अवॉइड करें और अगर बहुत ज्यादा जरूरी हो तो ही बाहर जाए।
8. सबसे जरूरी बात इस समय हाथ मिलाना
किसी से नहीं है. सिर्फ नमस्कार
से ही सभी का अभिवादन करना है।
9. अब बात करते हैं बच्चों के बारे में अब जबकि lockdown खुल चुका है तो बच्चों के स्कूल
भी शुरू हो जाएंगे बच्चों का स्कूल जाना इस समय खतरे से खाली नहीं है क्योंकि बच्चे अपने पर्सनल स्वच्छता का उस तरीके से ध्यान नहीं रख पाते या यह कह सकते हैं कि मां-बाप की नजर से हटते ही वह लापरवाही करने लगते हैं परंतु यदि अब उन्हें आज की हकीकत के बारे में संजीदगी से बताएंगे उन्हें समझाएं कि इस समय हमारी जरा सी भी लापरवाहीं हमें क्रोना वायरस जैसी जानलेवा बीमारी का शिकार बना सकती है। बच्चों को समझाएं कि स्कूल में रहते हुए उन्हें अपनी पर्सनल हाइजीन का ध्यान रखना है । हर जगह हाथ नहीं लगाना है ।और जब भी किसी सामान को वह हाथ लगाते हैं चाहे वह टॉयलेट के हैंडल है या रेलिंग है या स्कूल बस के हैंडल कुछ भी है तो वह अपने हाथों को अच्छे से sanitize करें । अपने दोस्तों से हाथ नहीं मिलाना है और स्कूल में भी सोशल डिस्टेंस का पालन करना है। सबसे जरूरी बात बच्चों को स्कूल भेजते समय उनके चेहरे पर मास्क जरूरी है और उनके बैग में उनके टिफिन के साथ एक sanitizer देना जरूरी हो गया है।
अपने बच्चे में यह हैबिट स्ट्रांग कर दें कि घर हो या बाहर हाथों को साफ किए बगैर कुछ भी खाना नहीं है और ना ही गंदे हाथों से अपने आंख नाक मुंह को छेड़ना है।
स्कूल की टीचर प्रिंसिपल के साथ मीटिंग करके या उन्हें किसी तरह से भी समझा कर यह सुनिश्चित किया जाए की स्कूल में सोशल डिस्टेंस के नियम के अकॉर्डिंग एक टेबल पर सिर्फ एक ही बच्चा बैठे।
और यदि पॉसिबल है तो बच्चों को स्कूल बस से छोड़ने की बजाय हो सके तो पेरेंट्स अपने खुद के वाहन से ही बच्चे को स्कूल ड्रॉप करें। कम से कम तब तक जब तक कि क्रोना नामक बीमारी का खतरा बना हुआ है।
10. सर्दी खांसी जुकाम बुखार होने पर लापरवाही ना बरतें खुद अपना डॉक्टर बनने की बजाय डॉक्टर से संपर्क करें। तबीयत खराब होने पर छिपकर घर पर बैठने की बजाय अपने डॉक्टर
से मिले उन्हें अपनी प्रॉब्लम बताएं हो सकता है कि समय रहते आपकी प्रॉब्लम का सलूशन मिल जाए , छुपाने से तो आपकी छोटी सी भी स्वास्थ्य संबंधी प्रॉब्लम एक बहुत बड़ा खतरनाक रूप धारण कर सकती है। इसलिए ध्यान रखें।
तो दोस्तों इन सावधानियों को पढ़ने के बाद मन में यही बात आती है कि यह तो हमारी habits में शामिल नहीं थी लेकिन अब से हमारी रोजमर्रा हमारी दिनचर्या में इन सावधानियों को हमें अपनी आदत के रूप में शामिल करना होगा तभी हम corona जैसी खतरनाक बीमारी से खुद को और अपनों को बचा पाएंगे।
जब तक लॉक डाउन था तब तक हमारी जिम्मेदारी हमारे साथ साथ सरकार की थी लेकिन अब lockdown खुलने के बाद हमें पूरी तरह से अपना ध्यान खुद रखना होगा सभी सावधानियों के साथ। कम से कम तब तक तो जरूर जब तक कि क्रोनो वायरस नामक बीमारी का वैक्सीन उपलब्ध नहीं हो जाता।
और आज नहीं तो कल हमें इस खतरनाक जानलेवा बीमारी से बचने के लिए वैक्सीन दवाइयां और जो भी मेडिकल facility availability मिल ही जाएगी।
हम होंगे कामयाब ,
हम होंगे कामयाब,
एक दिन, हो
हो मन में है विश्वास ,
पूरा है विश्वास
हम होंगे कामयाब एक दिन।
तो दोस्तों आशा करती हो आज के blog में मैंने आपके साथ जो अपने मन की बात share की वह आप सबको अच्छी लगी हो और आप सब इन सावधानियों पर अमल करेंगे। चलिए आज के लिए इतना ही फिर मिलते हैं किसी new blog के साथ।।
be hopeful.....be hygiene....be healthy
कैसे हैं आप सभी, मैं हूं आपकी ब्लॉगर मनीषा, और आपका बहुत-बहुत स्वागत है मेरी ब्लॉग वेबसाइट Healthy mann ki baat.... में।
जैसा कि हम सभी जानते ही हैं कि देश ही नहीं बल्कि पूरा संसार क्रोना वायरस जैसी ख़तरनाक बीमारी से जूझ रहा है, यह एक ऐसी जानलेवा घातक बीमारी है जिसका अभी तक कोई इलाज और vaccine उपलब्ध नहीं है।ऐसे में हमारे देश की सरकार ने देशवासियों की रक्षा के लिए 21 मार्च से 17 मई तक लोक डाउन घोषित किया। परंतु सरकार की इस लोकडाउन की अपील का कुछ हद तक पालन हुआ और कुछ हद तक नहीं।
ज्यादातर भारतीयों ने इस अपील का यह समझकर पालन किया कि इसी में उनकी और उनके अपनों की भलाई है ।बहुत सारे लोगों ने इस लोक डाउन का पूरी तरह से उल्लंघन भी किया। इस लोक डाउन का पालन करवाने के लिए प्रशासन को सख्त रुख भी अपनाना पड़ा। और ना चाहते हुए भी हमारी कानून की रक्षा करने वाले पुलिसकर्मियों को जनता पर लाठीचार्ज भी करना पड़ा।बार-बार लोगों को समझाना पड़ा कि वह घर पर रहेंगे तो जानलेवा बीमारी से खुद को और दूसरों को सुरक्षित रख पाएंगे।परंतु इसके बावजूद देश की बहुत सारी जगह पर कहीं जनता ने पुलिस के साथ दुर्व्यवहार किया उन्हें मारा-पीटा गालियां दी और कहीं पर डॉक्टरों के साथ भी दुर्व्यवहार किया गया जो कि बहुत ही शर्मनाक बात है।
ना जाने हम यह कैसे भूल गए कि एक तरफ जहां पर डॉक्टर अपनी जान को खतरे में डालकर हर मरीज को इतने करीब से देख रहे हैं उनकी जांच कर रहे हैं और दूसरी तरफ पुलिस प्रशासन जो अपने घर परिवार सभी को छोड़ कर जनता को सुरक्षित रखने के लिए सड़कों पर पहरेदार बन कर खड़े हैं।
परंतु ऐसा नहीं है जहां पर हमें बुरे उदाहरण मिले वहीं पर हमें बहुत अच्छे उदाहरण भी मिले। इस लोक डाउन के तहत कई जगह मेडिकल स्टाफ और पुलिस प्रशासन की जमकर प्रशंसा हुई उन पर फूलों की बारिश हुई उनका धन्यवाद उनका आभार प्रकट किया गया।
लोगों के अंदर अभी भी मानवता जिंदा है इसका भी उदाहरण हमें मिला।देश में बहुत सारे स्थानों पर भूखे लोगों के लिए लंगर चलाए गए बहुत से लोगों ने बढ़-चढ़कर दान भी किया। जिसे देखकर बहुत गर्व महसूस हुआ कि हमारा देश संकट आने पर सारे भेदभाव भूलकर एक हो जाता है।।
इसलिए सही कहा है हिंदू है हम, हिंदू है हम, वतन है हिंदुस्तान हमारा, हमारा, सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा।।
दोस्तों जैसे कि सब जानते ही हैं किअब सरकार ने धीरे-धीरे लोक डाउन को खोलना शुरू कर दिया है। बहुत सारे सरकारी दफ्तर खुल चुके हैं, प्राइवेट कंपनियां भी खुल चुकी हैं ,medical क्लीनिक ओपन हुए हैं, ऑनलाइन सुविधाएं भी मिलनी शुरू हो गई है ,दुकानदारों ने भी दुकानें खोलनी आरंभ कर दी है।
दूसरे रूपमें कहा जाए तो जब तक देश लॉक्डाउन लागू था उस समय तक हमारी safty की जिम्मेवारी हमारे साथ साथ सरकार ने भी अपने ऊपर ले रखी थी परन्तु अब हम कह सकते हैं कि अब हमें खुद की जिम्मेवारी पूरी तरह से खुद उठानी होगी । कहने का मतलब यह है कि अब हमें अपना काम भी करना है और साथ ही अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य की रक्षा भी करनी है।
लोक डाउन से जैसे-तैसे निकल भी गए तो उसके बाद का सफर कैसा होगा उसका अनुमान अभी लगाना जरा मुश्किल है मगर यह तय है कि लोग डाउन से पहले का जीवन और लोक डाउन के बाद के जीवन से बिल्कुल अलग होगा खासकर तब तक जब तक कोई वैक्सीन नहीं बनती सीधे शब्दों में कहा जाए तो शायद लोग डाउन के बाद करोना संक्रमित व्यक्तियों की संख्या ज्यादा तेजी से बढ़ेंगे अगर वैक्सीन नहीं निकली तो।
इसलिए अब हमारी जिम्मेदारी बहुत ज्यादा बढ़ गई है अपने लिए अपनों के लिए और दूसरों के लिए भी। अब बहुत ज्यादा सचेत रहने की आवश्यकता है कि हम इस मुश्किल घड़ी में इस जानलेवा बीमारी के चलते अपने और अपनों की कैसे हिफाज़त कर पाते हैं।
एक बात हमेशा याद रखना हारने से पहले हारना नहीं है,हिम्मत कभी छोड़नी नहींहै।सच्चे मन से हम कोशिश कर रहे हैं सही कोशिश कर रहे हैं तो ऊपर वाला भी हमारा साथ छोड़ नहीं सकता और एक दिन ऐसा आएगा जिस दिन यह जो मृत्यु रुपी काले बादल हम सभी पर मंडरा रहे हैं, वो छंट जाएंगे, और सभी जगह शांति और अमन होगा। और सुनहरे दिन फिर से लौट आएंगे वह हंसी वह मुस्कान फिर से लौट आएगी।
जब तक सब कुछ नॉर्मल नहीं हो जाता तब तक हमें अब से
बहुत महत्वपूर्ण सावधानियां या महत्वपूर्ण आदतें अपनी जिंदगी में अपनानी होगी जो इस प्रकार है:------
1. सोशल डिस्टेंस के नियम का सख्ती से पालन करना होगा।
2 मास्क और ग्लव्स को अपने प्रतिदिन के कपड़ों का हिस्सा बनाना होगा। अब से हमेशा याद रखिए बिना mask और gloves
के घर से बाहर जाना खतरनाक साबित हो सकता है।
3. बिना सैनिटाइजर की कहीं पर भी बाहर ना जाए फिर चाहे वह ऑफिस हो या स्कूल कॉलेज या फिर हमारे रोजमर्रा का सामान लेने के लिए हमें मार्केट जाना है।
4. हाथों को साफ किए बिना गंदे हाथों से अपने आंख ,मुंह , नाक को
touch मत कीजिए।
5. अपनी पर्सनल स्वच्छता का स्पेशल ध्यान रखें फिर चाहे घर पर हो या बाहर।
6. हाथों को समय-समय पर साबुन और पानी से धोते रहिए।
7. भीड़ को अवॉइड करें और अगर बहुत ज्यादा जरूरी हो तो ही बाहर जाए।
8. सबसे जरूरी बात इस समय हाथ मिलाना
किसी से नहीं है. सिर्फ नमस्कार
से ही सभी का अभिवादन करना है।
9. अब बात करते हैं बच्चों के बारे में अब जबकि lockdown खुल चुका है तो बच्चों के स्कूल
भी शुरू हो जाएंगे बच्चों का स्कूल जाना इस समय खतरे से खाली नहीं है क्योंकि बच्चे अपने पर्सनल स्वच्छता का उस तरीके से ध्यान नहीं रख पाते या यह कह सकते हैं कि मां-बाप की नजर से हटते ही वह लापरवाही करने लगते हैं परंतु यदि अब उन्हें आज की हकीकत के बारे में संजीदगी से बताएंगे उन्हें समझाएं कि इस समय हमारी जरा सी भी लापरवाहीं हमें क्रोना वायरस जैसी जानलेवा बीमारी का शिकार बना सकती है। बच्चों को समझाएं कि स्कूल में रहते हुए उन्हें अपनी पर्सनल हाइजीन का ध्यान रखना है । हर जगह हाथ नहीं लगाना है ।और जब भी किसी सामान को वह हाथ लगाते हैं चाहे वह टॉयलेट के हैंडल है या रेलिंग है या स्कूल बस के हैंडल कुछ भी है तो वह अपने हाथों को अच्छे से sanitize करें । अपने दोस्तों से हाथ नहीं मिलाना है और स्कूल में भी सोशल डिस्टेंस का पालन करना है। सबसे जरूरी बात बच्चों को स्कूल भेजते समय उनके चेहरे पर मास्क जरूरी है और उनके बैग में उनके टिफिन के साथ एक sanitizer देना जरूरी हो गया है।
अपने बच्चे में यह हैबिट स्ट्रांग कर दें कि घर हो या बाहर हाथों को साफ किए बगैर कुछ भी खाना नहीं है और ना ही गंदे हाथों से अपने आंख नाक मुंह को छेड़ना है।
स्कूल की टीचर प्रिंसिपल के साथ मीटिंग करके या उन्हें किसी तरह से भी समझा कर यह सुनिश्चित किया जाए की स्कूल में सोशल डिस्टेंस के नियम के अकॉर्डिंग एक टेबल पर सिर्फ एक ही बच्चा बैठे।
और यदि पॉसिबल है तो बच्चों को स्कूल बस से छोड़ने की बजाय हो सके तो पेरेंट्स अपने खुद के वाहन से ही बच्चे को स्कूल ड्रॉप करें। कम से कम तब तक जब तक कि क्रोना नामक बीमारी का खतरा बना हुआ है।
10. सर्दी खांसी जुकाम बुखार होने पर लापरवाही ना बरतें खुद अपना डॉक्टर बनने की बजाय डॉक्टर से संपर्क करें। तबीयत खराब होने पर छिपकर घर पर बैठने की बजाय अपने डॉक्टर
से मिले उन्हें अपनी प्रॉब्लम बताएं हो सकता है कि समय रहते आपकी प्रॉब्लम का सलूशन मिल जाए , छुपाने से तो आपकी छोटी सी भी स्वास्थ्य संबंधी प्रॉब्लम एक बहुत बड़ा खतरनाक रूप धारण कर सकती है। इसलिए ध्यान रखें।
तो दोस्तों इन सावधानियों को पढ़ने के बाद मन में यही बात आती है कि यह तो हमारी habits में शामिल नहीं थी लेकिन अब से हमारी रोजमर्रा हमारी दिनचर्या में इन सावधानियों को हमें अपनी आदत के रूप में शामिल करना होगा तभी हम corona जैसी खतरनाक बीमारी से खुद को और अपनों को बचा पाएंगे।
जब तक लॉक डाउन था तब तक हमारी जिम्मेदारी हमारे साथ साथ सरकार की थी लेकिन अब lockdown खुलने के बाद हमें पूरी तरह से अपना ध्यान खुद रखना होगा सभी सावधानियों के साथ। कम से कम तब तक तो जरूर जब तक कि क्रोनो वायरस नामक बीमारी का वैक्सीन उपलब्ध नहीं हो जाता।
और आज नहीं तो कल हमें इस खतरनाक जानलेवा बीमारी से बचने के लिए वैक्सीन दवाइयां और जो भी मेडिकल facility availability मिल ही जाएगी।
हम होंगे कामयाब ,
हम होंगे कामयाब,
एक दिन, हो
हो मन में है विश्वास ,
पूरा है विश्वास
हम होंगे कामयाब एक दिन।
तो दोस्तों आशा करती हो आज के blog में मैंने आपके साथ जो अपने मन की बात share की वह आप सबको अच्छी लगी हो और आप सब इन सावधानियों पर अमल करेंगे। चलिए आज के लिए इतना ही फिर मिलते हैं किसी new blog के साथ।।
be hopeful.....be hygiene....be healthy
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